डोप नियन्त्रण के नए आयाम

भारत में खेलों को स्वच्छ और डोप मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय डोप रोधी एजेंसी द्वारा हाल में प्रभावी तरीके अपनाये गये हैं। वर्ष २॰१८-१९ में इसके फलस्वरूप डोप अभिज्ञान दर सर्वाधिक ४.३ प्रतिशत रहा, जबकि गत वर्ष में यह दर १.९ प्रतिशत था। इसके चलते इस वर्ष सर्वाधिक १८७ खिलाड़ी डोप नियमों का उल्लंघन करते हुए पाये गए।


राष्ट्रीय डोप रोधी एजेंसी द्वारा निम्न नये कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है, जिसके कारण डोप अभिज्ञान दर में सुधार हुआ हैः


१. खेलों का एवं खिलाड़ियों का जोखिम आंकलन वैज्ञानिक पद्वति द्वारा किया जा रहा है, जिससे डोप की सम्भावना करने वाले खिलाड़ियों पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। 
२. डोप रोधी एजेन्सी द्वारा परीक्षण वितरण योजना को व्यवस्थित तरीके से अमल में लाया   जा रहा है, जिससे खेलों एवं खिलाड़ियों का उचित परीक्षण किया जाय। 
३. क्रीड़ा विशिष्ट विश्लेषण के आधार पर प्रतिबन्धित पदार्थों की जाँच करना प्रारम्भ की गई है।
४. परीक्षण के दौरान गुणवŸाा बनाये रखने के लिए स्वतन्त्र प्रेक्षक कार्यक्रम लागू किया गया है। 
५. वर्ष २॰१८-१९ में खिलाड़ी जैविक पासपोर्ट कार्यक्रम को प्रारम्भ किया गया, जिसके अन्तर्गत ४४ परीक्षण किये गये। 
६. श्रेष्ठ खिलाड़ियों के लिए एक नयी पंजीकृत सूची तैयार की गई है। जिसके अन्तर्गत ८३ परीक्षण किये गये। 
७. खिलाड़ियों के शरीर में वृद्धिकारक  अंतःस्राव की जाँच करने के लिए ३६६ रक्त परीक्षण किए गए जो कि निर्धारित लक्ष्य से १॰३: रहे। 
८. एरिथ्रोपिन उŸोजक एजेेंट व वृद्धि हार्मोन-मुक्तिकारक हार्मोन ग्राहक के परीक्षणों में भी वृद्धि की गई, जिसके अन्तर्गत लक्ष्य के मुकाबले क्रमशः १४७: व १५२: परीक्षण किये गये। 
९. एशियाई खेलों में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों पर सर्वाधिक ४९८ डोप परीक्षण किये गये। विदेशों में भी प्रशिक्षण ले रहे ५४ खिलाड़ियों का भी डोप परीक्षण कराया गया।
१॰. खेलो इण्डिया युवा प्रतियोगिता पुणे में हुए खेलों के दौरान ४७६ परीक्षण किये गये। 
११. वर्ष २॰१८-१९ में कुल ४३९७ डोप परीक्षण कराये गये, जो कि लक्ष्य के मुकाबले ११४ : रहे। 


डोपिंग को व्यापक स्तर पर नियन्त्रित करने के लिए वर्ष २॰१८-१९ में कई नये खेलों को डोप नियन्त्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत सम्मिलित किया गया। इसके अन्तर्गत साॅफ्ट टेनिस, कराटे, खो-खो, नौकायन, स्क्वैश, रोलर स्केटिंग व बिलियाड्र्स आदि खेल शामिल हैं।


खेलों में डोप के प्रचलन को नियन्त्रित करने के लिए भारतीय डोप रोधी एजेन्सी अनेक कदम उठा रही है। जिसमें डोप रोधी जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन राष्ट्रीय शिवरों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के दौरान किया जा रहा है। वर्ष २॰१८-१९ में देश के विभिन्न भागों में ऐसे ९॰ कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें खिलाड़ियों एवं उनके प्रशिक्षकों को डोप से परहेज करने की सलाह दी गई एवं स्वच्छ खेलों की गरिमा बनाये रखने का अनुरोध किया गया। 


राष्ट्रीय डोप रोधी एजेंसी ने अपने कार्यक्रमों को और व्यापक बनाने के लिए अब राज्य स्तर पर भी परीक्षण करना प्रारम्भ कर दिया है। जिससे राष्ट्रीय स्तर पर खेलों को डोप मुक्त रखा जा सके।

पृष्ठ को अंतिम बार संशोधित किया: Jul 11, 2019

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